आम के बौर पर कीट और रोगों से बचाव के लिए सही छिड़काव बेहद जरूरी
आम भारत का सबसे पसंदीदा फल है, लेकिन इसके पेड़ों को मधुआ कीट, दहिया कीट और एन्थ्रेकनोज जैसे रोगों से खतरा रहता है। ये कीट और रोग आम की गुणवत्ता और उत्पादन पर बुरा असर डालते हैं। इसलिए सही समय पर छिड़काव करना बहुत जरूरी होता है।
नीचे तीन महत्वपूर्ण छिड़काव विधियां बताई गई हैं, जो आम के बागों को स्वस्थ रखने और अधिक उत्पादन में सहायक होंगी।
1. पहला छिड़काव: मंजर आने से पहले
जब आम के मंजर (फूल) आने से पहले होते हैं, तो पूरे पेड़ पर छिड़काव करना जरूरी होता है।
✔ इसका उद्देश्य:
कीटों और रोगों से बचाव।
फूलों की बेहतर ग्रोथ।
✔ क्या उपयोग करें?
कीटनाशक + फफूंदनाशी मिलाकर छिड़काव करें।
2. दूसरा छिड़काव: जब मंजर में छोटे दाने दिखें
जब मंजर में सरसों के दाने जितने छोटे फल बनने लगते हैं, तब यह छिड़काव जरूरी होता है।
✔ इसका उद्देश्य:
मधुआ कीट और दहिया कीट को रोकना।
फफूंद जनित रोगों से बचाव।
✔ क्या उपयोग करें?
कीटनाशक + फफूंदनाशी का छिड़काव करें।
3. तीसरा छिड़काव: जब टिकोले मटर के दाने जितने हों
जब आम के टिकोले (छोटे फल) मटर के दाने के बराबर हो जाएं, तो तीसरा छिड़काव जरूरी होता है।
✔ इसका उद्देश्य:
फल और मंजर को गिरने से बचाना।
✔ क्या उपयोग करें?
पहले और दूसरे छिड़काव की तरह कीटनाशक + फफूंदनाशी मिलाकर छिड़कें।
अल्फा नेप्थाईल एसीटिक एसिड (4.5% एस.एल.) का उपयोग करें।
मधुआ कीट से बचाव के उपाय
मधुआ कीट आम के मंजरों को नुकसान पहुंचाकर फलों की गुणवत्ता खराब कर देता है। इसे रोकने के लिए निम्नलिखित कीटनाशकों का छिड़काव करें:
कीटनाशक का नाम | मात्रा | पानी की मात्रा |
---|---|---|
इमिडाक्लोप्रिड 17.8% एस.एल. | 1 मिली | 3 लीटर पानी |
डाइमेथोएट 30% ई.सी. | 1 मिली | 1 लीटर पानी |
थायोमेथाक्साम 25% डब्लू.जी. | 1 ग्राम | 10 लीटर पानी |
सही समय पर तीन छिड़काव करने से आम के पेड़ की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है और फसल की गुणवत्ता बेहतर होती है। साथ ही, मधुआ कीट और अन्य बीमारियों से बचाव के लिए उपयुक्त कीटनाशकों का सही मात्रा में उपयोग करना भी आवश्यक है। अगर किसान इन उपायों को अपनाते हैं, तो वे अधिक उत्पादन और बेहतर आम की फसल प्राप्त कर सकते हैं। 🌱🍋