पारंपरिक खेती छोड़ किसान ने ताइवान पिंक अमरूद से कमाए लाखों, जानिए कैसे?
उत्तर प्रदेश के गोंडा जिले के एक किसान ने अपनी मेहनत और सूझबूझ से खेती को नया आयाम दिया है। पारंपरिक खेती छोड़कर प्रगतिशील किसान आसाराम सिंह ने ताइवान पिंक अमरूद की बागवानी शुरू की, जिससे उन्हें शानदार मुनाफा हो रहा है। कम लागत और अधिक उत्पादन के कारण यह अमरूद किसानों के बीच तेजी से लोकप्रिय हो रहा है।
कैसे हुई इस सफर की शुरुआत?
आसाराम सिंह ने हाई स्कूल तक पढ़ाई की थी, लेकिन परिस्थितियों के कारण उन्हें पढ़ाई बीच में ही छोड़नी पड़ी। इसके बाद उन्होंने खेती को ही अपना करियर बना लिया। शुरुआत में वे पारंपरिक फसलों की खेती कर रहे थे, लेकिन इसमें ज्यादा मुनाफा नहीं हो रहा था। फिर उन्होंने ताइवान पिंक अमरूद की खेती शुरू की, जो आज उनके लिए लाखों की कमाई का जरिया बन चुकी है।
कितनी जमीन पर हो रही है खेती?
फिलहाल, आसाराम सिंह डेढ़ बीघा जमीन पर ताइवान पिंक अमरूद की खेती कर रहे हैं। उनका कहना है कि इस फसल की देखभाल आसान है और इसमें ज्यादा खर्च भी नहीं आता।
कितनी लागत और कितना मुनाफा?
✅ लागत: 15 से 20 हजार रुपये प्रति एकड़
✅ सालाना टर्नओवर: 2 से 2.5 लाख रुपये
✅ लाभ: पारंपरिक फसलों की तुलना में कई गुना अधिक
आसाराम सिंह के अनुसार, ताइवान पिंक अमरूद की खेती में खर्च बहुत कम आता है और इसका मुनाफा पारंपरिक फसलों से कई गुना ज्यादा है।
ताइवान पिंक अमरूद के फायदे
✅ तेजी से फल देता है: इसके पेड़ जल्दी फल देने लगते हैं, जिससे कम समय में अच्छी कमाई होती है।
✅ ज्यादा उत्पादन: पारंपरिक अमरूद की तुलना में इसका उत्पादन दोगुना होता है।
✅ कम लागत: इसमें ज्यादा उर्वरकों और कीटनाशकों की जरूरत नहीं पड़ती, जिससे खेती की लागत कम हो जाती है।
✅ बेहतर गुणवत्ता: इसका स्वाद मीठा होता है, गुलाबी रंगत आकर्षक लगती है और शेल्फ लाइफ लंबी होती है, जिससे बाजार में इसकी अच्छी कीमत मिलती है।
✅ जैविक खेती को बढ़ावा: कम कीटनाशकों के कारण इसे जैविक तरीके से भी उगाया जा सकता है।
किसानों के लिए नए अवसर
आसाराम सिंह का मानना है कि ताइवान पिंक अमरूद की खेती आने वाले समय में किसानों के लिए एक बड़ा अवसर बन सकती है। इससे न केवल उनकी आमदनी बढ़ेगी बल्कि खेती में नई संभावनाएँ भी खुलेंगी। कम लागत, ज्यादा मुनाफा और आसान देखभाल की वजह से यह फसल किसानों के लिए फायदेमंद साबित हो रही है।