गोवंश संरक्षण और प्राकृतिक खेती को बढ़ावा: सरकार की नई पहल
Author - KisanKhabar
01 Mar 2025
योगी सरकार गोवंश पालन और प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए लगातार नई योजनाएं ला रही है। हाल ही में 'नंदनी कृषक समृद्धि योजना' शुरू की गई है, जिसके तहत पशुपालकों को 50% सब्सिडी दी जाएगी। इसके अलावा, गोआश्रय केंद्रों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए वर्मी कंपोस्ट यूनिट लगाने की योजना भी बनाई गई है।
गोवंश पालन के लिए आर्थिक सहायता
सरकार गोवंश पालन को बढ़ावा देने के लिए अमृत धारा योजना भी चला रही है। इस योजना के तहत, 2 से 10 गाय पालने पर 10 लाख रुपये तक का अनुदानित ऋण दिया जाएगा। 3 लाख रुपये तक का लोन बिना गारंटी मिलेगा, जिससे पशुपालकों को आर्थिक राहत मिलेगी।
गोआश्रय केंद्रों को आत्मनिर्भर बनाने की योजना
- 12.5 लाख निराश्रित गोवंश को 7700 से अधिक गोआश्रय केंद्रों में रखा गया है।
- वर्मी कंपोस्ट (जैविक खाद) यूनिट लगाकर इन्हें आत्मनिर्भर बनाया जाएगा।
- गोबर और गोमूत्र के प्रसंस्करण की आधुनिक तकनीक सिखाई जाएगी।
- राष्ट्रीय चारा अनुसंधान केंद्र, झांसी की मदद से पशुओं के लिए उन्नत चारे की व्यवस्था की जाएगी।
छुट्टा गोवंश के संरक्षण के लिए बड़ा बजट
- हाल ही में 2000 करोड़ रुपये का बजट गोवंश संरक्षण के लिए रखा गया है।
- अनुपूरक बजट में भी 1001 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया था।
- 543 नए बड़े गोआश्रय केंद्रों के निर्माण की मंजूरी दी गई है।
- मनरेगा के तहत कैटल शेड और गोबर गैस प्लांट लगाने की सुविधा दी जा रही है।
बुंदेलखंड में प्राकृतिक खेती को बढ़ावा
- उत्तर प्रदेश सरकार प्राकृतिक और जैविक खेती को प्रोत्साहित कर रही है।
- गंगा के किनारे और बुंदेलखंड क्षेत्र में जैविक खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है।
- स्थानीय नदियों को प्राकृतिक खेती से जोड़ा जा रहा है ताकि जल स्रोतों का सही उपयोग हो सके।
ऑर्गेनिक खेती से बढ़ेगा निर्यात
- कोरोना महामारी के बाद ऑर्गेनिक उत्पादों की मांग बढ़ी है।
- प्राकृतिक खेती से उत्पादित अनाज और अन्य फसलें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर निर्यात की जाएंगी।
- केंद्र सरकार भी जैविक कृषि उत्पादों के निर्यात पर जोर दे रही है।
योगी सरकार की नई योजनाएं पशुपालकों और किसानों दोनों के लिए फायदेमंद हैं। गोवंश संरक्षण, जैविक खेती और निर्यात बढ़ाने के प्रयास न केवल आर्थिक रूप से फायदेमंद होंगे, बल्कि पर्यावरण और स्वास्थ्य के लिए भी लाभदायक होंगे।
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