लखीमपुर में बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि से फसलें बर्बाद
उत्तर प्रदेश के लखीमपुर जिले में मौसम ने अचानक करवट ली, जिससे किसानों की पकी-पकाई फसलें बर्बाद हो गईं। तराई इलाके में तेज हवाओं के साथ हुई बारिश और ओलावृष्टि ने किसानों की मेहनत पर पानी फेर दिया। इस प्राकृतिक आपदा से गेहूं, सरसों, मसूर और आलू की फसलें बुरी तरह प्रभावित हुई हैं।
सड़कों पर बिछी ओलों की सफेद चादर
भारत-नेपाल सीमा के पास संपूर्णानगर, रानीनगर और मिर्चियां गांवों में शनिवार को अचानक तेज बारिश और भारी ओलावृष्टि हुई। कुछ ही मिनटों में सड़कों और खेतों पर ओलों की सफेद चादर बिछ गई। किसानों की महीनों की मेहनत कुछ ही पलों में तबाह हो गई।
किसानों के अरमानों पर फिरा पानी
बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि ने गेहूं और सरसों की फसल को बिछा दिया, जिससे किसानों को भारी नुकसान हुआ है। जिन फसलों को किसान जल्द ही काटने वाले थे, वे अब नष्ट हो गई हैं। खुले आसमान के नीचे खड़ी फसलें तेज हवाओं और ओलावृष्टि का सामना नहीं कर सकीं, जिससे किसानों की मेहनत पर पानी फिर गया।
किसानों पर टूटा कुदरत का कहर
प्रभावित किसानों ने बताया कि हर साल जब फसल कटने का समय आता है, तब मौसम अचानक बिगड़ जाता है और ओलावृष्टि फसलों को तबाह कर देती है। कई किसानों ने कर्ज लेकर खेती की थी, ताकि अच्छी फसल से अपनी आर्थिक स्थिति सुधार सकें। लेकिन इस बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि ने उनकी सारी उम्मीदें तोड़ दी हैं।
किसान छोटेलाल ने बताया कि सरसों, गेहूं, मसूर और आलू की फसलें पूरी तरह खराब हो गई हैं। इस नुकसान से उबरने के लिए किसानों को सरकार से मदद की उम्मीद है।
सरकार से मुआवजे की मांग
किसानों का कहना है कि सरकार को जल्द से जल्द क्षति का आकलन कर आर्थिक सहायता देनी चाहिए, ताकि वे अपना कर्ज चुका सकें और अगली फसल की तैयारी कर सकें।